Considerations To Know About sidh kunjika



नमः कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि ॥ ६ ॥

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।

किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः

शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम्।

चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः

श्री सरस्वती अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥

मां दुर्गा की पूजा-पाठ more info में शुद्धता का विशेष ध्यान रखें. सुबह-शाम जब भी आप ये पाठ करें तो स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण करें और फिर इसे शुरू करें.

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा।। । इतिश्रीरुद्रयामले गौरीतंत्रे शिवपार्वती संवादे कुंजिकास्तोत्रं संपूर्णम् ।

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